एक महान राष्ट्र के
एक विशाल प्रान्त के
एक छोटे से जिले का
एक साधारण सा गांव
वहा का एक भ्रष्ट सरपंच जमींदार
और एक आधी कच्ची ईमारत
जिसे धूर्तता से, बल से
गोदाम बना हड़पना चाहता है
जिसे बनना तो था एक स्कूल
उस स्कूल के लिए लड़ी
उस गांव की एक साधारण औरत
जैसे गिद्धों, चीलों से जा भिड़ी हो
एक छोटी सी चिड़िया
उसका संघर्ष किसी क्रांति से
उसका झुंझारूपन किसी सत्याग्रह से
उसका संकट किसी धर्म युद्द से
कमतर जरा भी नहीं
एक महान राष्ट्र के
एक विशाल प्रान्त के
एक छोटे से जिले का
एक साधारण सा गांव
H.P.RAHI
Written after watching “Sanshodhan”. A film by Govind Nihalani.
