दिल दिल से जा मिला
जख्मो की फिकर है क्या
ना ज़माने की बात कर
तर्क-ए-दिल सुनेगा क्या
बेतकल्लुफ़ जो है आपसे
नज़रो की खता है क्या
हो गयी हर अदा बेहुनर
चिलमन को उठाया है क्या
एक वफ़ा एक अहद के सिवा
कुछ गरज़ दिल करे और क्या | H.P.RAHI
दिल दिल से जा मिला
जख्मो की फिकर है क्या
ना ज़माने की बात कर
तर्क-ए-दिल सुनेगा क्या
बेतकल्लुफ़ जो है आपसे
नज़रो की खता है क्या
हो गयी हर अदा बेहुनर
चिलमन को उठाया है क्या
एक वफ़ा एक अहद के सिवा
कुछ गरज़ दिल करे और क्या | H.P.RAHI