रोशनी का एक बिंदु मात्र है
“वॉयेजर एक” ने फ़ोटो खींच के बताया था
सौर मंडल के आखरी छोर से
“धरती” मुझे तो बहोत बड़ी लगती थी
बिल्कुल वैसे ही जैसे हमने अहंकार पाला है
हिटलर, अमीन, नीरो, माओ, चंगेज़,
ईसा, बुद्धा, कृष्णा, नानक, पैगम्बर
अपोकलिप्स, एक्सओडस, होलोकॉस्ट
बहार, वादी, कविता, संगीत
पावर, पॉलिटिक्स, पॉल्युशन, करप्शन
राइट, लेफ्ट, धर्म, कर्म
जोबन, बचपन, सुहाग शैय्या, मृत्यु शैय्या
रिश्ते, दोस्त, जज्बात, मुहब्बत,
मुफ़लिस, समृद्ध, गृहस्थी, फकीरी
निराशा, उम्मीद, महत्वाकांक्षा
तुम, मैं, तेरा, मेरा
सिर्फ मैं, सिर्फ मेरा
सब बेमानी लगने लगा
बड़े अचरज से निहारा वो फ़ोटो जब मैंने
बड़े अचरज से निहारा वो फ़ोटो जब मैंने
टकटकी लगाए
एक विचार कौंधा मुझे
धरती सिर्फ अहंकार तो नही
ये बेमतलब बेमानी नही
ये रोशनी का एक बिंदु मात्र सही
ये ही रोशनी है
और मैँ ही ब्रह्मा हूं
“मैं” नही
H.P.RAHI